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(१) चन्द्र सूरिभिः मनेर वास्तव्य श्रीमालाम्बवे--बदलिया गोत्रे सुमावक श्री कल्याणचन्द तत्पुत्र श्री अग्गुलाल कीचन्द्र तत्पीत्र किसनप्रसाद अन्नय चंद्रादि सपरिवारेण स्वयोग्य प्रतिष्ठा कारापिता पंगा कीर्युदयोपदेणात् ।
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मी मागरा नगर वास्तव्य सं० पति श्री श्री चन्दपालन प्रतिष्ठा कारिता।
(30) ॥संवत २१६ वर्षे वेणाष सुदि भी मुलसंघे महारक जी श्री जिन चन्द्रदेव साह जीवराज पापडीवाल नित्य प्रणमति सर मम श्री राजाजी स संघ---
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संबत १५१८ वर्षे वैताप सुदि ३ मुलसंघे महारक श्री जिन चन्द्र सा० जिवराज पापरिवाल सहरम-सा श्री राजसी संघ रावल ।
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॥संवत १६०१ ज्येष्ठ पदिसोमवारे करवंशे महाराजधिराजजी श्री मत स्याहजा राज्य ॥ चंद्रकीर्तिजी वत्पदे म० भी देवेन्द्र कीर्तिजी सदाम्नाये सरस्वती गच्छे बलात्कारगण कुंदाचार्यान्वये गुना।
( 326 ) संवत १७५२ वर्षे मार्गशिर्ष वदि पंचमी गुरो ढाकामध्ये ---- काष्ठा संघ माथुर गच्छे पुष्कल गण डोहाचार्या म्वये दिगम्बर धर्म महारक रूपचन्द्र प्रतिष्ठितं अग्रवाल मांगा गोत्रे सा. गुलाल दास मा० मुलाई पुत्रः। सावलसिंघवी प्रमरसिंघवी केसर सिंह वि---प्रविहा कारापिवानि पुन्तिके ---- दायां प्रतिष्ठा । --- पादुकानां । योस्तुः ॥ पादुका मादिनापकी । गुरुपादुका ।