________________ अठारहवां अध्याय जैनदर्शन द्वारा मान्य भूगोल और खगोल के सिद्धान्त भी स्वीकार ... कर ले। .. . ... श्री मदन कुमार मेहता द्वारा हिन्दी में अनुवादित भगवती सूत्र की प्रस्तावना के पृष्ठ 15 से लेकर पृष्ठ. 26 तक श्री मोहनलाल . जी वांठिया ने विज्ञान स्वीकृत जैन सिद्धान्तों पर कुछ प्रकाश डाला है / जिज्ञासुओं को वह स्थल अवश्य देख लेना चाहिए। :... इसके अलावा, एक बात और विचारणीय है कि कोलम्बस से .. पहले अमेरिका अज्ञात अवस्था में ही था, कोलम्बस का जहाज़ यदि अकस्मात अमेरीका न पहुंचता तो उसका किसी को पता ही न - . लगता, ऐसे ही न जाने आज भी कितने अमेरीका. अज्ञात पड़े हैं ? जैन दृष्टि से वर्तमान में उपलब्ध देशों की संख्या बहुत अल्प है, समय ने यदि कोलम्बस जैसे अन्वेषक और पैदा कर दिए तो संभव है उन ...का. पता मिल जाए। Pee . पृष्ठ 815 से 944 तक जैन प्रिंटिंग प्रैस अम्बाला शहर में छपी