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________________ प्रश्नों के उत्तर ३८० AAmmar लीजिए । गाय से हमें दूध, दही, घी, गाय, बैल, गोबर आदि उत्तम : पदार्थों की प्राप्ति होती है। एक गाय की पूरी पीढी से चार लाख,बहत्तर हजार,छ: सौ मनुष्यों को सुख पहुंचना है । जीव विज्ञान विशारदों ने. . गहरी छानवीन के पश्चात् हिसाब लगाया है कि गोवंश में से प्रत्येक . गाय के दूध का मध्य मान ग्यारह सेर का पाता है। उसके दूध देने का , समय औसत बारह महीने रहता है । इस प्रकार प्रत्येक गाय के जन्म- .... भर के दूध से २४,९,६० मनुष्यों को एक बार तृप्ति होती है। .... - मध्य मान के नियमानुसार प्रत्येक गाय से छह बछिया और छह... बछड़े मिल जाते हैं। इनमें से. यदि एक-एक मर भी जावे तो पांच . वछियों के जीवन भर के दूध से १,२४,८०० मनुष्य एक बार में तृप्त । हो सकते हैं । अब रहे पांच बैल । अपने जीवनकाल में; मध्य मान के .. अनुसार, कम से कम ५००० मन अनाज पैदा कर सकते हैं। यदि प्रत्येक आदमी एक बार में तीन पाव अनाज खावे तो उससे साधारण . ढाई लाख, आदमियों को एक बार में उदरपूर्ति हो सकती है। बछियाओं के दूध और बैलों के अन्न को मिला देने से ३,७४,००० पाद- . मियों की भूख एक बार में बुझ सकती है। दोनों संख्याओं को मिला, कर एक गाय की पीढ़ी में ४,७५,६९० मनुष्य एक बार में पालित हो जाते हैं। इस सम्बन्ध में एक बात और समझ लेनी चाहिए । वह यह . कि गौ की बछड़ियों से पुनः अनेकों बछड़ियां तथा बछड़ों को प्राप्ति . होती है, जो हज़ारों मनुष्यों को लाभ पहुंचाते हैं । इतना ही नहीं, वैलों से गाड़ियां चलतो हैं, सवारी का काम उनसे लेते हैं, भार उठाने के काम में भी वे आते हैं। यही कारण है कि भारतीय लोगों ने गाय : को 'माता' तक कह कर पुकारा है। ..... ! : इसी प्रकार एक बकरी के जन्मभर के दूध से भी २५,९.२० ' आदमियों का परिपालन एक बार हो सकता है । हाथी, घोड़े, ऊंट,
SR No.010875
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages606
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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