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________________ प्रश्नों के उत्तर va मांसाहारी पशुओं के नवजात बच्चों की मांखे विल्कुल हैं, जबकि मनुष्य के बच्चे की स्थिति ऐसी नहीं होती। ... - मांसाहारी पशु जिह्वा से चाट-चाट कर पानी पीते हैं, जबकि मनुष्य, गाय,बकरी आदि पशुओं के समान घूण्ट भर-भर कर पीता है। .. मांसाहारी पशुओं के शरीर में पसीना नहीं पाता, जबकि . मनुष्य के शरीर से पसीना छूटता है। तथा मांसाहारी पशु पक्षियों का चमड़ा कठोर होता है और उस पर घने बाल होते हैं, जबकि मनुष्य के शरीर की ऐसी स्थिति नहीं होती। . . . . . . . . . .. .. मांसाहारी पशुओं के मुख में थूक नहीं रहता है, जबकि अन्नाहारी फलाहारी तथा शाकाहारी मनुष्य और गौ आदि पशुओं के मुख से थूक निकलता है। .... मांसाहारी पशु गर्मी से हांपनें. पर जिह्वा वाहिर निकाल लेता. है, जवकि मनुष्य की ऐसी दशा नहीं होती । मांसाहारी जीवों को . गरमी बहुत लगती है, और सांस शीघ्रता से आने लगता है, किन्तु अन्नाहारी तथा शाकाहारी जीवों को न इतनी गर्मी लगती है, और न सांस तीव्रता से चलता है। ..... ....... मांसाहारी पशुओं का जीवन निर्वाह फलों से नहीं हो सकता, जवकि मनुष्य मांस के बिना ही अपने जीवन को चला सकता है। ..... मनुष्य को यदि मनोरंजन के लिए कहीं जाना हो तो वह बागों, फुलवाड़ियों और वनस्पति से लहलहाते हुए स्थानों को टटोलता है, और वहीं भ्रमण करता है, किन्तु मांसाहारी जीव वहीं आमोद मा-... -नते हैं, जहां मृतक शरीरों की दुर्गध से वायुमण्डल व्याप्त हो रहा है। जहां मृतक शरीरों की दुर्गध से वायुमण्डल परिपूर्ण हो रहा है, ऐसे स्थान में यदि मनुष्य को रखा जाए तो वह स्वस्थ नहीं रह सकता,.
SR No.010875
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages606
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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