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________________ त्रयोदश अध्याय ६४५ और माता त्रिशला देवी है। आप का विवाह अपने समय की अनु- . . पम सुन्दरी राजकुमारी यशोधा से सम्पन्न हुआ था । प्रियदर्शना । नाम की आप की एक पुत्री थी । बड़े भाई का नाम नन्दी-वर्धन था । पाप उत्कृष्ट त्यागी महापुरुष थे। भारतवर्ष में फैले हुए हिंसामय यज्ञों का आप ने डट कर विरोध किया । वौद्ध साहित्य में भी आप : का उल्लेख मिलता है। महात्मा बुद्ध आप के समकालीन थे। आजकल आप का ही शासन चल रहा है। . . . . . . . . भगवान महावीर की लोक-प्रियता कितनी बढ़ी-चढ़ी है ? इस .: सम्बन्ध में अपनी ओर से अधिक कुछ न लिख कर भारत के राष्ट्र पुरुषों ने समय-समय पर जो भगवान महावीर के सम्बन्ध में अपने विचार प्रस्तुत किए हैं, आगे की पंक्तियों में उन्हीं का दिग्दर्शन कराए देता हूं। . . . .विश्व शान्ति के अग्रदूत भगवान महावीर पर--- .. . .:.: लोकमत " भगवान महावीर अहिंसा के अवतार थे। उन की पवित्रता ने संसार को. जीत लिया था । महावीर स्वामी का नाम इस समय यदि किसी भी सिद्धान्त के लिए पूजा जाता है, तो वह अहिंसा है ।......अहिंसा तत्त्व को यदि किसी ने अधिक विकसित किया है तो वे महावीर स्वामी थे। . .. . . ... . महात्मा गांधी ... मैं अपने को धन्य मानता हूं कि मुझे महावीर स्वामी के نننننننننسسسسسسسسسسشسشت ... दिगम्बर सम्प्रदाय की मान्यता है कि भगवान महावीर का विवाह नहीं हुआ, वे बाल-ब्रह्मचारी थे, किन्तु · श्वेताम्बर इन्हें विवाहित मानते हैं। .............. ... ..
SR No.010875
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages606
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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