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________________ ६२२ प्रश्नों के उत्तर mirrr-~~~~~~~~~~~~ भगवान वासुपूज्य जी आप जैन धर्म के बारहवें तीर्थंकर हैं । आप की जन्म-भूमि चम्पा नगरी थी । पाप के पूज्य पिता.महाराज वसुपूज्य थे,और माता जयादेवी थी । आप का जन्म फाल्गुण कृष्णा चतुर्दशी को; दीक्षा फाल्गुण शुक्ला पूर्णिमा को, केवल-ज्ञान माघ शुक्ला द्वितीया और निर्वाण प्राषाढ़ शुक्ला चतुर्दशी को हुया । आप की निर्वाण-भूमि चम्पा नगरी थी । आप बाल-ब्रह्मचारी थे, आप ने विवाह नहीं कराया । आप अठारह लाख वर्ष . गृहवास में रहे और आप. ने ५४ लाख वर्ष तक संयम का पालन किया । अन्त में, ६०० मुनियों के साथ आप मुक्ति में गए। ....... ... ... भगवान विमलनाथ जी-:.:. . . . . . . . . . आप तेरहवें तीर्थंकर हैं । आप की जन्म-भूमि कम्पिलपुर नगरी थी । आप के पिता का नाम महाराजा कर्तृवर्म था और ... माता का नाम श्यामादेवी था। आप का जन्म माघ शुक्ला. तृतीया को,दीक्षा माघ शुक्ला चतुर्थी को, केवल-ज्ञान पौष शुक्ला छठ और निर्वाण आषाढ़ कृष्णा सप्तमी को हुआ। पाप की निर्वाण-भूमि सम्मेतशिखर है। आप विवाहित थे, आप ४५ लाख वर्ष गृहस्था... श्रम में रहे और १५ लाख वर्ष . तक आप ने संयम का पालन ..... किया । अन्त में, ६०० मुनियों के साथ मुक्ति को प्राप्त हुए। ... ..... भगवान अनन्तनाथ जी-:. . ... आप जैन-धर्म के चौदहवें तीर्थकर हैं। आप की जन्म-भूमि . अयोध्या नगरी थी। आप के पूज्य पिता का नाम महाराजा सिंहसेन और माता का नाम सुयशा देवी था। आप का जन्म वैशाख कृष्णा ... तृतीया को, दीक्षा वैशाख कृष्णा चतुर्दशी को, केवल-ज्ञान वैशाख
SR No.010875
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages606
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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