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________________ प्रश्नों के उत्तर वर्षा के जल पर आधारित कृषि योग्य भूमि को केतु कहते हैं ! २-वस्तु- मकान को वस्तु कहते हैं। वस्तु संस्कृत का शब्द है .. प्राकृत में वत्यु रूप बनता है। मकान तीन तरह के होते हैं-१-तात, . २-उच्छत और ३ खातोच्छत । भूमिगह-तलघर या जमीन के अंदर बनाए जाने वाले मकानों को खात, जमीन के ऊपर बनाए जाने वाल मकानों को उच्छन ग्रोर नीचे तलघर बना कर उसके ऊपर मकान बनाने को खातोच्छत कहते हैं। . ३-हिरण्यं. आभूषणों के आकार में रही हुई तथा ऐसे ढेले के .. रूप में स्थित चांदी को हिरण्य कहते हैं। ४.सुवर्ण- गोने के आभूषण तथा पासे के रूप में रहा हुआ सोना सुवर्ण कहलाता है। होरा, प ना, मोती आदि जवाहरात भी इसी में अन्तभूत हो जाते हैं। .. . ५-धन- गुड़, शक्करादि पदार्थ ।। ...६:धान्य- चावल, गेहूं बाजरा आदि अनाज। ७-द्विपद- दास-दासी आदि। ८-चतुष्पद- गाय भैस, हाथी, घोड़ा आदि पशु। ९-कुप्य- धातु के बने हुए बर्तन एवं कुर्सी, मेज़ आदि गृहस्थ के ... उपयोग में आने वाली वस्तुएं। राग-द्वेष या कषाय का भाव परिग्रह कहा है। इन्हीं का परिण...ति से कर्म का आगमन एव बन्ध हाता है । अत: शुभ और अशुभ ... परिणामां से बधने वाले शुभ और अशुभ कम को अपेक्षा स भाव . - परिग्रह दो प्रकार का है। यो कर्म क ८ भेद तथा उसके उतर भेदों को दृष्टि से वह अनक प्रकार का है। इस बरह द्रव्य एवं भाव दोनों तरह के परिग्रह का पूर्णतः परि
SR No.010875
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages606
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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