________________
श्री कावली राम केसरी चन्द्र जो मालेरकोटला श्री बदरी दास जी श्री रामदास वाला मल जैन
धन के स्वामी तो लाखो मिल जाते पर धन का सदुपयोग करने वाले,उसे आध्यात्मिक साहित्य के प्रकाश मे लगाने वाले विरले होते है । वस्तुतः ममता का परित्याग करना बड़ा काठन कार्य माना गया है। कोई भाग्यशालो जीव हो यह पुनीत कार्य कर सकता हैं। ऐन हो भाग्यशाली दानी सज्जनो को कृपा से हम यह नूतन प्रकाशन करने में सफल हो सके है।
मैं समिति को सोर से इन दानो सज्जनो का धन्यवाद करता हू और आशा करता हूं कि आप सब भविष्य मे भी धार्मिक साहित्य के प्रकागन के लिए सहयोग देते रहेगे।
समाज के जितने धार्मिक कार्य हैं, वे सब सहयोग पर निर्भर हैं। विना सहयोग के कोई समाज आगे नहीं बढ़ सकता । अत. सामाजिक उन्नति के लिए सहयोग देना अत्यावश्यक है। हमारे दानी सज्जनो से विनोत प्रार्थना है कि वे दान देते समय आचार्य श्री आत्माराम जैन प्रकाशन समिति, लुधियाना को सहयोग देने का अवश्य ध्यान रखें ।
लुधियाना। ३० ५ ६२):
आचार्य श्री आत्माराम जैन प्रकाशन समिति
जैन स्थानक, लुधियाना।