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________________ mmmm प्रथम अध्याय रीका की यात्रा की। उन्होने U. N. O (सयुक्त राष्ट्र संघ) मे भाषण दिया था। अपने उक्त भाषण मे निश्शस्त्रीकरण के संवध मे रूस की तरफ से एक प्रस्ताव रखने की घोषणा करते हुए खुश्चेव ने कहा "सभी देश चार वर्ष के अन्दर - अन्दर पूर्ण निश्शस्त्रीकरण करले । सभी स्थल, जल और नभ सेनाए समाप्त कर दी जाए, विदेशी सैन्य प्रधान कार्यालय और युद्ध मन्त्रालय खत्म कर दिये जाए, सैनिक शिक्षा के संस्थान वन्द कर दिये जाएं, विदेशो सैनिक अड्डे समाप्त कर दिये जाए अणुवम्ब नष्ट कर दिए जाए और उनका उत्पादन आगे से निपिद्ध • कर दिया जाए * । विश्व गान्ति के लिए प्रस्तुत किए गए खुश्चेव के विचारो से हम पूर्णत. सहमत है । गाँधी और विनोवा की अहिसामय भाषा मे खुश्चेव ने भी वोलना शुरु किया है, इस के लिए हम उन्हें बधाई देते है । परन्तु अपने इन विचारो को मनाने के लिए उन्होंने जो अपने भाषणों मे धमकिये दी है, उस से हम सहमत नही है। विश्व के सामने अपने विचार रखने का हमे पूरा अधिकार है, परन्तु उन्हे मनाने के लिए किसो पर दबाव डालना तथा उस के लिए आग्रह करना उपयुक्त नहीं कहा जा सकता । अमेरीका मे दिए गए अपने एक भाषण मे खुश्चेव ने धमकी भरे शब्दो मे कहा- “यदि - आप लोग निम्नस्त्रीकरण के लिए तैयार नही और आप गस्त्रो की - घुडदौड जारी रखना चाहते है,तो ठीक है। हम इस चुनौती को स्वीकार करते हैं। हम मे भी ताकत है और हम आधुनिक से आधुनिक हथियार तैयार कर सकते है। इस तरह के वाक्यो मे यह सदेह वना रहता है कि सेना आदि को समाप्त करने की बात केवल प्रचार मात्र . * The Times of India (daily) '19-9-59,Page,1 Col 4 * हिन्दुस्तान (दैनिक) सितम्बर २१, १९५९ ।
SR No.010874
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages385
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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