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( दिया, वा मनि के पास दीधित होकर नमी के शिष होगए। प्रपिस् साप्पापांगरिया वस साम को भर पास से पप्पपा पारंम किया।
पुदि की प्रगम्यता से सम्पराल में ही बत्तान मे कठिन विपम के पारगापी हगए। पादा रुकी पास शिरोपारस रके पाप भरे से ही विकार करगर, पार्ग में पापको एक अनिय मनि मिले माकि पान निदान घे एनसे पिरकाख मा वार्तालाप मा, वा पमान भापको मापीन गमों, महाराणी, पक्रातिपो है इतिहास प्रतीम मिस्वार पर्व मनाए, और संपम मार्ग में पूर्व में मी पपिक र रिया, मिनरा विस्तीर्ण नियर मैन मूत्र भीपतगप्पपन के भाव मप्पाय में पूषवा पिपमान मिस हाशप को भपिक अचान दसम की अभिणपा हो, पूरॉक सून के पक्क मापाप की साप्याप रे, पा रेप परिषय मात्री भिसा गार। तपा पीस पिका परिरप।
मार -समय यर्षि वरिप परिचय नाम लेप पीय जैनमामि .पानम्म भी महायमा लिया मा पामोकि समनी सचिका में स्यूत्यू पापा भौर पर विस्त मिचित एक माचीन मरारेस उपसम्पमा पा।