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मैनसम्मवापशिक्षा । उस के बाद उफ समा किस २ समय पर सभा किसनी बार एकत्रित हुई और उस के ठहराव किस समय तक निमत रह कर काम में माते रहे, इस बात पर
गाना यपपि मति कठिन बात है समापि सोब करने पर उस घ मोड़ा महुत पठा राते से एक मामत ये सब समय मेम अपनी भापीनस्प सब प्राणियों की सप प्रपर रखा प उपम और प्रयास करते पे भार स ममारिए मॉस मारि मिन्ध रागा के सम्म बिव प्रम प्रयम ममुसार उछ मे भने में से पुन पर उम्मी केशारा अपने साम्य पामरा मावि का प्रपंपरा मेरी प्रधर पवाय प्रामवासियों के प्रतिनिधियों में पापन पनर भार म्यास्पासमाय पी राणाबाहे जो क्यों न वा मा उसी पचायत से उस मे सम्पूर्ण प्रामवाति से माम्गुगरी भाति मिन बी पी सम्मेपर पा से प्रामवासियों और प्रो समय मार रारामा पायत भी यास्मा से सब मेय निब संयम पाम्न परवे पे पराव व की म्पपस्था से से मर भरि पाम्म म प्रमपोवा पा पवारत ही मयस्पा से पुष्पा रेमिये मम पावि प्रबंप सेवा का पानी की प्यास्पा से परस्पर समरों प्रयोग होता पा पापात दम्पपस्मा से दुए एमतियों का शासन ऐनपा पचामत हो म्पमस्या से पर माम्मवीरा में प्रमसिनों रखा प्र प्रापरता पा।
हिम् यम्ममों नमों में गायों की पमापते रहर मपचे व प्रबों से प्रामवाहिक रवार की मुसम्मान प्रणमामि में पधारों पा रसामरि पधि सिविल पर न पाई भगबममा परिसदपा में भी पाधि पस्येमा पाईपी मनु मरव ममममारी पुरा होने पर पौध पसाब जपनी सारी प्रति असर परषों में नमन प्रे साधर पर मामले माया में समा गई, तब से अमरेली पर रन मारतों काय मायापपोम भारवर्गनिरोपपवित् पास कर रही सपने भाम्मा म से मेरे पापा 1 परस्सर स्पप्रनिगरेन भी कर
रस से सम्म परेशराने में प्राव पेनो धमारी प्रतिमाम निम्मा और पमायती सम्पाय पक्षिय पसा पपगार अपरेमा राम्रररररीखे हमारे सभी देणग्रस्ये मध मप में मनुभव करपा
भमहीनों से समसमा परीसर्चर नर्सर पती राम के लिये भर में प्परस्परसमा प्रेमी सभी से सस्तारोक पायो रे निवासी अपनी पकवा' पिप्रभार सवपस प्रथा हम भारतवास्प भग सर्वर पर्षय पर प्रेमी सपा भभपना र भीमपने देश में अपनी गतिग्रमै अपहार प्रयन पाम्म भी उस में : सप्रगो पसलमा रिमामारी पयत भौति सी रा मै माप रखा र मनी से पचरताने ने रिश्र भौति माध्यम : हमारे भनित u भूमे गाफमर पुगेरस पर मात्र प्रम मारी -
चारों भावमा रमाबरोबर पो पर हम ग्रे मा १F.. बोनसमा मोदी प्रतिमा मनी भरवो nR पर माम पुर ARiसीमा पाऐगी"