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________________ ५३८ ९ इस क्षत्र का असर स्वानिक है अमात् उसी बगहपर इस का असर होता है फिन्स वद के स्थान के सियाम शरीर जैनसम्पदामशिक्षा | ९ पर दूसरी जगह असर नहीं होता है। इस रीति से दोनों प्रकार की पौंदियों के भिन्न २ चिह्न ऊपर के कोष्ठ से मालूम हो सकते है और इन चिह्नों से बहुधा इन दोनों का नियम होना सुगम है' परन्तु कभी २ अम क्षत की दुर्दशा होने के पीछे ये चिह्न देखने में आते हैं तब उन का निर्णय होना कटिन पड़ जाता है" । इस क्षत के होने के पीछे बाड़े समय में इस का दूसरा हि शरीर क ऊपर मालूम होने लगता है ॥ कमी २ किसी दशा में विभ के ऊपर कठिन और नरम दोनों साथ में ही होती है और कभी २ ऐसा होता है कि द्वितीय हि के पूर्व चाँदी के भेद का निम्य नहीं हो सकता है ॥ ३ ४५ मा मुखेन्द्रिय (क) यह नहीं कठिन टांकी (ॉर्ड शांकर ) - कठिन टांकी के होने के पीछे शरीर के दूसर भागोंपर गर्मी का असर मालूम होने लगता है, जिस प्रकार नरम टोकी होने के पीछे श्रीघ्र ही एक या दो दिन में दीखने सगती है उस प्रकार यह नहीं दीखती है किन्तु इस में तो यह क्रम होता है कि बहुभा इस में चार अथवा एक पटवाड़े से लेकर वीन अठवाडां के भीतर एक गौरीक फुसी मह फूट जाती है तथा उस की चाँदी पड़ जाती है, इस पानी में से प्राम नहीं निकता है किन्तु पानी के समान थोड़ी सी रसी आती है, इस टाकी का मुख्य गुप यह है कि इस को दबा कर देखने से इस का भाग कठिन मालूम होता है, कठिन इस भाग के द्वारा ही भद्द निश्चय कर लिया जाता है कि गर्मी के बिमने घरीर में प्रवेश कर किया है', यह टोकी महुषा एक ही होती है तथा इस के साथ में एक अपना सहज में ही पहिचान स्वीसंसर्ग के कठिन टोकी पांच दिन में होती है और गाड़ा पीप १-अर्थात् ऊपर लिखे हुए पुष १ मि से दोनों प्रकार की १-क्योंकि वह बाने क बाद निभितवत् जाने कारण पिका की पाव है । प्रकार की चाँदिमां समय के माने से होता है कि यह की प्रकार की च कम पास ॥ ६-अर्थात् घरीर के अम्प मापेपर भी गर्मी का कुछ न कुछ विकार जलन हो भाता है। बारीक अर्थान् ब -वादी मीच का भाप सक्न प्रतीत होता है ९-क्योंकि उस वसभाप के निहोन से बहन से जाता है इसका उभार (सूक निता साथ ने
SR No.010863
Book TitleJain Dharm Shikshavali Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherShivprasad Amarnath Jain
Publication Year1923
Total Pages788
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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