________________
२५२
बैनसम्प्रदायशिक्षा || है, मागरे तथा विल्ली से लेकर प्रणा के देश तक छोग घार मिर्ष को नहीं लाते हैं यदि साते भी हैं सो पदुत ही युकि के साग साते हैं ।
चार्य-वर्तमान समय में घाम मा बहुस ही प्रचार है मर्मात् पर २ में लोग इस को पीते हैं, हमारे देश में पहिले पीन से चाय मासी थी परन्तु भव बहुत वर्षों से नीलगिरि मौर भासाम के निले में भी चाय पैदा होकर यहां आने लगी है, इस देश में वो पाप पानारों में विकती है पर पहुत ही पटिया होती है, चीन जैसी राय किसी मुक्त में नहीं पैदा होती है अर्थात् माठ माने से लेकर सौ रुपये तक वहां एक रसठ की कीमत होती है किन्तु इस से भी मधिक होती है, वैसी अमल दर्दे की चाय पानारों में निम्ती हुई यहां कभी नहीं देखी गई और न उस पाप का यहाँ कोई प्राहक ही वीस पड़ता है क्योंकि यहाँ सो 'सस्ता दाम और पोसा माल, का विचार प्रत्येक केहदय में पस रहा है।
चाय पक्ष के सुस्साये हुए पसे है, सूस बाने के पाव इन पदों को कराहों में गर्म करते हैं तब उन में सुगन्नि भौर साद अच्छा हो मावा है, यह एक गोरे ही नसे की पीन है इस लिये सदा पीने से भफीम, गोमा, मुलफा, समासू, मप, मांग मोर पतूरे मादि दूसरी नसीगी पीनों की तरह अधिक हानि नहीं करती है।
चाय में प्रतिसैको के हिसाब से गुण करनेवाग माग एक से छ'भाग तक होता है पर्षात् सर से हरफी (पटिया) पाम में एक भौर सब से बरिया चार में प्रति सेको में छ गुण कारी माग हैं, इस में पौधिक तस्व प्रतिसैको में १५ भाग में भोर कम्नी फरनेमासा दरप बहुत ही बोरा है।
काली भौर हरी चाय एकही दक्ष की होती है मौर पीछे बनाबट के वारा इस रग में परिवर्तन होता है, पाय के साम पों को गर्म कमाई में पढ़ाने से भषया पानी की भाफ से मुसाकर गर्म करने से पद रंग में काली भवना हरी हो जाती है परन्तु हरी पाय को रंग देने के लिये नीग बोमा भषमा प्रश्पनत्यू नामक जहरीली वस्तु का नो कुछ भश डिसी समय लोग देते हैं उस का भसर बहुत सरान होता है।
पाय ममन में बहुत पोटी सी पीने से शरीर में सुस्ती पैदा करती है मौर थोड़ी मीद पासी परन्तु पनन में अपिक पीने से मंग में गर्मी और फुसी आती हे तमा नीदा माना बंद हो पाता। __महुव से लोग नींद को रोकने के लिये राव को पाय पीते है उस से यपपि नीद हो नही भाती है परन्तु ये नी पैदा होती है, जो छोग नीद में रोकने लिये रात को मार २ पाप पीते है और नींद को रोकते हैं इस से उनके मगन को बहुत हानि पहुँ पती है, जो भारमी भण्ठा और पुष्टिकारक एराक ठीक समय पर साते ₹से गेग यदि
स र पार भी प्रते।