________________
-
सस्थापन h. B. N.
॥ॐ अहम् ॥ ॥ श्री वीतरागाय नमः ॥
श्रीमद्विजयानंदसूरि ( आत्मारामजी ___ महाराज ) विरचित
॥श्री आत्मविलास स्तवनावली ॥ अथ चतुर्विशति जिनस्तवन. -
- श्री ऋषन जिन स्तवन।
आसणरा जोगी। एदेशी ॥ प्रथम जिनेसर मरुदेवी नंदा । नानि गगन कुल चंदा रे । मनमोहन खामी। समवसरण त्रिण कोट सोहंदा । रजत कनक रत नंदा रे ॥ मनमो ॥१॥ तरु असोग तले चिहुंपासे । कनक सिंहासन कासे रे ॥ मन ॥ पूर्व दिसि सुर बंदे नासे । बिंब तिहुँ दिसि जासेरे ॥ मन ॥२॥ मुनि सुर नारी साधवी