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अणुपरीक्षण प्रतिवध एवं निशम्यीकरण
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प्रस्ताव ने तत्काल ही सयुक्त राष्ट्रसघ का और विशेपत विश्व के समस्त राप्दा का ध्यान प्रापित किया। इसी प्रस्ताव के परिणामस्वरूप सूचितदेगा की मरकार के अध्यक्षा ने अपन मयुक्त वक्तव्याम कहा कि निशस्त्री परण की समस्या ही माज विस की पर्वाधिक महत्वपूण समस्या है और चे इस समस्या का रचनात्मर हल निकालने म कोई भी प्रयास उवा न रसन के लिए कटिबद्ध है।
शप्रसार एरोर जहाँ नि स्नीकरण एव मास्त्र परीक्षण वद करन का प्रयत्न हो रहा है वहां टूमरी पोर भयानक अणुवम व उदजन बमा के परीक्षण भी चालू हैं । इनम शियाई देशों को पर्याप्त हानि उठानी पड़ी है । सन् 1965 की उत्तर भारतीय गाडे, वनानिका के मतानुसार रेडियम घामिता राही परिणाम या । दगी कारण जुलाई मन् 1956 में लादन म राप्दमहला के मप्रिया के मम्मान मप० जवाहरलाल नेहरू न ऐस विस्फाटा पर राक लगान का प्रश्न उटापा था और अनव वार प्रय सम्मलना म भी उमादपूण प्रतिसाद्धारा तीर विरोध किया था।
अभी अभी फाशन भी विश्व लार मन को उपेक्षागरते हुए महारा के रगिस्तार म पशुवमा विस्फोट रिया, जिस पर चारा ओर भारी विरोध प्रकट किया गया। प्रगियाइ नगठन मी भारतीय स्यावी मध्यभा सुश्रीरामसरी नहा नफागससारद्वारा महारा मरिच गए प्रणु पिस्फोट के प्रति विरोरारत हा रहा कि मानोमी ससार न विश्व जनमत तथा मयुक्त राष्ट्रगपीय प्रस्ताया री जानरम पर उपभा की है। जापान, पाना, मारसाग, गुडान घोर टरपरी को पार नौ विराप व्यक्त दिया गया। प्रमरिता घोर भी पायेगार प्रसन्न नहीं है। इसी प्रश्न पर मागासन पास ग अपना राजनपिप सम्बध ही विच्छद पर दिया और पाना द्वारा पापिर प्रािय का विवर लिया गया है। प्राया विम्फोट ग उता रेडियम मक्रिय पुरका पादत सुरी, मित्र, गऊदी परव तया नारन कापूर रियामा रहा है। इस गादल फी निती नह जा महार पोट नारीलाई पर समापूरी पार गनिमान है। उत्तर भी पार भी घुमारभारा है।
इस प्रसार कपिरणारा पर शिपमानर लिए नग उम्मसनम