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________________ विज्ञान के नय उच्छ्वास 61 का पता लगाने का प्रयास किया। अणु की खोज के विषय म पर्याप्त मतभेद प्रचलित हैं। कुछ लोगा का कहना है कि सन् 1939 म जमनी में व्हाव्ह नामक एक विज्ञानवेत्ताने सव प्रथम इसका सद्धान्तिक रूपण आविष्कार किया। अणुव म का रहस्य भी जमनी को अपनी निजी सम्पत्ति थी, किन्तु यहूदिया के साथ हिटलर के दुव्यरहार ने उहे अमेरिका को यह रहस्य विवश होकर बतान का वाध्य किया। फलत यह कहा जाता है कि सवप्रथय अणुनम के आविष्कार का श्रेय अमेरिका का है। कतिपय विज्ञा का यह भी मन्तव्य है कि यद्यपि हिटलर के परामरा से जमन वैनानिका ने इसको गवेषणा कर अणुवम का सृजन तो कर लिया था पर जमना की प्राकस्मिक पराजय के कारण इस वे प्रयुक्त करने में समय न हो सके, और मिन राष्ट्र इसे उठाकर ले गय । एक स्वर यह भी सुनाई पड़ता है वि अमरिका, ब्रिटेन और फ्नाडा के बज्ञानिका की शोध का ही परिणाम अणुपम है। जमन युद्ध के समय अमेरिका भी अणुबम के अवेपण म व्यस्त था, पर वह अपने सारे रहस्या को छुपाय रखता था । 1942 म तो अमरिका में इसके निर्माण की दौड लग रही थी उस यह नात हो चुका था कि युरेनियम के विदरण का आविष्कार एक जमन महिला डा० लोज माईट्नर ने किया है और अव परमाणु बम के लिए वह प्रयत्नशील है। 2 दिसम्बर, 1942 से बहुत तत्परता के साथ वाय प्रारम्भ होने पर पहले दिन के प्रयोग में केवल साधी वाट शक्ति उत्पन हुई जिससे बिजली का छोटा लटू भी नही चलाया जा सका था । पर पुरुषाय के बल पर 12 दिसम्बर तक 200 बाद शक्ति उत्पन्न करने म सफलता मिली। इसी समय वानिका ने काम रोक दिया क्योंकि विदरण द्वारा रेडियम जसी घातक किरणे पदा होने लगी थी। इही अनुभवो स नात हुआ कि प्लूटोनियम बनाया जा सकता है और इस मिया म जो भयकर किरणें उत्पन्न होती है, जब तक उनसे अपनी निजी रक्षा का समुचित प्रवधन कर लिया जाय तब तक इस प्रयोग को मागे बढाना सक्टापन्न स्थिति उत्पन्न करना है। र समूपानव अभिनन्दन प्रय पत्र-४
SR No.010855
Book TitleAadhunik Vigyan Aur Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshmuni, Kantisagar, Sarvoday Sat Nemichandra
PublisherAtmaram and Sons
Publication Year1962
Total Pages153
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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