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________________ इस युग के महान् अशोक श्री के. एस. धरणेन्द्रमा निर्देशक, साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थान, मैसूर राज्य प्राचार्यश्री तुलसी एक महान् पण्डित तथा बहुमुखी प्रतिभा वाले परित हैं। लौकिक बुद्धि के साथ-साथ उनमें महान माध्यात्मिक गुणों का समाश है। माध्यात्मिक शक्ति से वे सम्पन्न हैं, जिमका न केवल मात्म-द्धि के लिए बल्कि मानव-जाति की सेवा के लिए भी वह पूरा उपयोग करते हैं। मानव-जाति की आवश्यक्तामों का उन्हें भान है। लोगो के समान उनकी शिक्षा-हीनता को दूर करने में वे विश्वास करते हैं। भरने नुसार मे, जिनमे साधु मोर साध्वियों दोनो हैं, शिक्षा प्रचार को वे सूब प्रारसाहन रहे हैं। वे एक जन्मजात शिक्षक है मौर ज्ञान को सोत्र में मान बाल । की शिक्षा में ये बहुत रुपि लेते है । उनका दृष्टिकोण पानिक है। पौर्वात्य और पाश्चात्य दोनो हास्ना " उन्होंने अप्पयन किया है । यही नही बल्कि माधुनिक विज्ञान, राजनीति समाजशास्त्र में भी उनकी यही दिलचस्पी है। लोगों में व्याप्त ननिक मध पतन यो देख कर उन्होने सारे राष्ट्रम मधन-पान्दोलन किया है । जीवन के प्राध्यामिक मूल्यों के प्रतिपादन उनका उत्साह सराहनीय है। महान ममोक से उनको तुलना की जा गा. बिपने महिमा केमिसान्त को शिक्षा पोर उमर प्रसार के लिए अपना मुहर देशो में भेजा था। सर्वोपय नेता में महात्मा गांधी से भी उस गुरना की जा महती है। उना अनिता भासमोर उसके माध्यमिक प्रचाराम" का जादा होता है। मांग उन्हें पसन्द करो, पोर Gita करने के निरउनी र उन पास प्राईगाममोह के पास
SR No.010854
Book TitleAacharya Shree Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni
PublisherAtmaram and Sons
Publication Year1964
Total Pages163
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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