________________ 142 भाचार्यश्री तुलसी फस्याण कर सकते हैं। किन्तु हमने देखा है कि मान्दोलन को जन्म देने वाले या शुरू करने वाले विभिन्न प्रवृत्तियों में शक्ति को बांट देते हैं, तब वह कार्य चलताहमा दिखाई देने पर भी प्रागरहित, परम्परा से चलने वाली रूढ़ियों की तरह ना बन जाता है / भारत का महान अभियान यदि प्रयत-मान्दोलन को सजीव तथा सफल बनाने के उद्देश्य से प्राचार्यश्री प्रपना सारा ध्यान उस पर केन्द्रित कर पूरी शक्ति से इस कार्य को करेंगे तो वह भारत का महान मरियान होगा, जो मसान्त संसार को शान्त फरने का महान् सामथ्र्य रखता है। हमारा तुलसीजी की मति में सम्पूर्ण विश्वास है। वे महान अभियान को गतिशील बनाने का प्रयास करें, जिससे प्रशान्त मानव शान्ति को और प्रस्थान कर सके। हम भगवान से प्रधना करते हैं कि प्राचार्य तुलसीजी को दीर्घायु तथा स्वास्थ्य प्रदान वर, ऐसी शक्ति दे, जिमसे उनके द्वारा अपने विकास के साथसाथ