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ए रीते बीजो धातकीखंग छीप अने पुष्करवरनो अर्ध ए दोढ बीपमा प्रत्येके प्रत्येके एक पूर्व दिशिए अने बीजो पश्चिम दिशिए भली बे वे मेरु पर्वत , अने ज्यां एक मेरु होय त्यां एक जरत, एक ऐरवत तथा एक महाविदेह, ए त्रण कर्मनूमि क्षेत्र होय अने पूर्वोक्त जंबुद्वीपनी पेठे ब युगलियानां क्षेत्र होय ते वारे बे जरत, बे ऐरवत, बे महाविदेह, ए ब क्षेत्र कर्मचूमिनां अने बे हेमवंत, वे हिरण्यवंत, बेहरिवर्ष, बे रम्यक, बे देवकुरु अने वे उत्तरकुरु, ए सर्व मली बार युगलियानां देव धातकी नामे बीजा छीपमां ने अने तेटलांज वली पुष्करार्ध नामे त्रीजा अर्धा छीपमां पण ने, केमके ए बेहु छीपमा प्रत्येके बेबे मेरु बे. ___ ए रीते ए अढी छीपनां देवने एकगं करीए ते वारे त्रीश क्षेत्र अकर्मचूमिनां अने पंदर क्षेत्र कर्मजूमिनां थाय, सरवाले पीस्तालीश देत्र मनुष्यनां थयां.
हवे वली उप्पन नेद बीजा देखाडे जे. जंबुद्धीप मांदला लरत क्षेत्रना उत्तरने बेडे हेमवंत नामे पर्वत बे. ते पूर्व दिशे अने पश्चिम दिशे लवण समुख पर्यंत लांबो जे. ते पर्वतनी पूर्व तथा पश्चिम एकेकी