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के) ते थकी विपरीत लक्षणवाली वनस्पतिने ( पत्तेयं के० ) प्रत्येक वनस्पतिकाय कहीए ॥ १५ ॥ ,
एग सरीरे एगो, जीवो जेसिं तु ते :
य पत्तेया ॥ फल फूल ल्लि कहा, . मूलग पत्ताणि बीयाणि ॥ १३ ॥
गाथा १३ मीना बूटा शब्दना अर्थ. एग-एक.
फल-फल. सरीरे शरीरने विषे.. फूल-फूल. एगो-एक.
बह-गल. जीवो जीव.
कहा-काष्ठ, लाकडं.. जेसिं जे (वनस्पति)ने. मूलग-मूल.
पत्ताणि-पांदमां.. ते-तेने..'
बीयाणि जीज. 'पत्तेया प्रत्येक (वनस्पतिकाय.)
अर्थः-(एग सरीरे के०) एक शरीरने विषे (एगो जीवो के० ) एक जीव (जेसि के०) जे वनस्पतिने विषेहोंय (तु ते य पत्तेया के)तेनेज प्रत्येक वनस्पतिकाय कहीए.ए प्रत्येक वनस्पतिकायना सात प्रकार ले ते आ प्रमाणे:-(फल केस) सर्व प्रकारनां फल, (फूल के० ) सर्व प्रकारनां फूलो, (बद्धि के०) उप.
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