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________________ संस्कृत साहित्य का इतिहास टामस, हौपकिन्स, र प्सन, पार्जिटर, और ऐजरटन-~-जिनकी कृतियों को मैने इस ग्रन्थ के लिखते समय बार-बार देखा है और पाद-टिप्पगियों में प्रमाणतया जिनका उल्लेख किया है। अपने पूज्य अध्यापक डा. लक्ष्मणस्वरूप एम.ए., डी० फिल., आफिसर डि ऐकेडेमि फ्रांस, संस्कृत प्रोफ़ैसर पञ्जाब यूनिवर्सिटी लाहौर को मैं विशेषतः धन्यवाद देता हूं, जिनके चरण कमलों में बैठकर मेंने वह बहुत कुछ सीखा जो इस ग्रन्थ में भरा हुआ है । इस ग्रन्थ के लिए पूर्व शब्द लिखने मे उन्हों ने जो कष्ट सहन किया है, मैं उसके लिए भी उनका बड़ा ऋणीहूँ । इस पुस्तक के लिखने में मुझे अपने परम मित्र श्रीयुत श्रतिकान्त शर्मा शास्त्री, एम० ए० लाहित्याचार्य से विशेष सहायता मिली है। उनके अनथक प्रयत्नों के बिना इस पुस्तक को हिन्दी जगत् के सम्मुख इतनी जल्दी प्रस्तुत करना असम्भव नहीं तो कठिन अवश्य होता, अत: मैं उनका भी बड़ा प्रभारी हूँ। श्राशा है कि हिन्दी जगत् इस अभाव-पूर्ति का समुचित प्रादर करेगा। विद्वानों का सेवक हंसराज अग्रवाल
SR No.010839
Book TitleSanskrit Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Agrawal, Lakshman Swarup
PublisherRajhans Prakashan
Publication Year1950
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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