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उवासगदसासु [४-१५३"एवं खलु, देवाणुप्पिए, के वि पुरिसे" तहेव कहेइ जहा चुलणीपिया। धन्ना वि पडिभणइ जाव कणीयसं । “नो खलु, देवाणुप्पिया, तुभं के वि पुरिसे सरीरसि जमगसमग सोलस रोगायके पक्खिवह, एस न के वि पुरिसे तुभं उवसग्गं करेइ"। सेसं जहा जुलणीपियस्स तहा भणइ ॥ १५३॥
एवं सेसं जहा चुलणीपियस्स निरवसेस जाव सोहम्मे कप्पे अरुणकन्ते विमाणे उववन्ने । चत्तारि पलिओवमाई ठिई । महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ ॥१५४॥
॥निक्खेवो ।
॥चउत्थं सुरादेवझयणं समत्तं ।।