________________
१०६ शब्दसूची
[यत्तिययत्तिय-यात्रिक
रुह-रह (धातु) 'यल-तल ( पदान्ते एव) रूव-रूप यावि-चापि ( च+अपि, स्वरा- रेवई-रेवती (स्त्रियो नाम ) परे एव)
रोए-रोचय ( धातु)
रोग-योग रज-राज्य
रोम-रोमन् रज्जुग-रज्जुक
रोस-शेष रणो-राज्ञः । रत्त-रात्र (रात्रिशन्दस्य समा- लक्खण-लक्षण सान्ते रूपम् )
लक्खा-लाक्षा रत्त-रक
लहि-यष्टि रयण-रत्न
लडह-लडह-मडह इति समासे रयय-रजत
एव । काष्ठस्य श्लय-संत्ररययामय-रजतमय
धियन्धनत्वाद्यश्वशन्दस्तद
नुकरणे।)
लद्ध-लब्ध रहिय-रहित
लद्धट्ट-लब्धार्थ रा-राजन्
लम्ब-लम्ब (धातु) राईसर-राजेश्वर
लम्व-लम्ब राय-राजन्
लम्बोदर-लम्बोदर रायगिह-राजगृह (नगरस्य ललिय-ललित नाम
लवण-लवण रिद्ध-प्रद्ध रिसह ऋषभ
लावय-लावक । लिहिय-लिखित .