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भइ-भृति
भक्ख-भक्ष
भक्खणया भक्षणता
भगवं - भगवन्त्
भग्ग भन्न
भज्जा -- भार्या
भजिय-भर्जित
भञ्ज-भञ्ज् ( धातु )
भणभण् (धातु)
भण्ड - भाण्ड
भण्डग - भाण्डक
शब्दसूची
भन्त्त—भक्त
भद्दा — भद्रा (कामदेवस्य भार्याया भावेमाण-भावयमान
भावेत्ता - भावयित्वा
भय-भय
भरिय-भृत
भवक्खय-भव -+-क्षय
--
भसेल - मृश ( इल इति प्रत्ययः स्वार्थे )
भाडी -- भाटिं ( मूल्यार्थं गळ्यादिभिः परकीयभाण्ड वहनमिति विवरणकारः ) .
भाणियव्व-माणितव्य
भाय - भाग
भायण-भाजन
भारह--भारत भारिया भार्या
भाव-भाव
entrand
नाम )
भद्दा - भद्रा ( चुलणीपितुर्मातु- भास - भाष् ( धातु ) नाम ) भिउडि—भ्रुकुटि भन्ते -- (भद्दन्त वा भदन्त इत्यस्य भिक्खा --- भिक्षा
भव-सू (धातु)' भव-भ
[ भइ
सङ्क्षेपः, भवन्शब्दस्य सर्व- भिक्खायरिया - भिक्षाचर्या नाम्नः संबोधनैकवचनम् भिजमाण -- भिद्यमान आचार्यादीनामामन्त्रणे एव भिन्द - भिदू ( घातु )
प्रयुज्यते )
भीम-भीम
भीय भीत
भुग्ग-भुन भुज्जो - भूयस्
भुअमाण-भुञ्जन्त् भुञ्जान वा