SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 27
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २५ प्रस्ताव नवमां. (९) ET वाल वृद्ध ग्लान आदि किसी खास कारणके विना, अपना साधु अपनी उपधि उपकरण गृहस्थसे न उठवावे. प्रस्ताव दशवां. (१०) चतुर्दशीके दिन वाल वृद्ध ग्लान (विमार ) के सिवाय, अपने सव साधुओंको उपवास (व्रत) करना. ( विहारमें यतना.) प्रस्ताव ग्यारवां. (११) अपने साधुओंको कमसेकम सौ (१००) श्लोकका स्वाध्याय ध्यान दररोज अवश्य करना. अगर जिससे न हो सके तो वो एक नमस्कार मंत्रकी मालाही फेर लेवे. प्रस्ताव बारवां. (१२) ॐ सोने चांदीकी या उसके जैसी चमकवाली चश्मेकी फ्रेम ( कमानी) नहीं रखनी. प्रस्ताव ७ सातवेंसे १२ पर्यंत छै प्रस्ताव सभापतिजीकी तर्फसे आज्ञारूप जाहिर किये गयेथे. जिनका, उसीवक्त, उपस्थित हुए सर्व साधुओंने स्वीकार कर लिया. इतना कार्य होनेके वाद द्वितीयाधिवेशनके लिये दो बजेसे चार बजे तकका टाइम मुकर्रर करके प्रथम अधिवेशन समाप्त किया गया. - -
SR No.010821
Book TitleMuni Sammelan Vikram Samvat 1969 Year 1912
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Sharma
PublisherHirachand Sancheti tatha Lala Chunilal Duggad
Publication Year1912
Total Pages59
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Tithi, Devdravya, & History
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy