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चको विष देखें तो, १२ प्रण बदरा बोला किस कर्मसे होय. उत्तर पराया नेद लेनेको बुक पिके वात सुनने तथा निंदा सुगनेका स्वभाव होय तो, १३ प्रण रोगी किस कर्मसें दोय उत्तर गूंजर उडुंचर घ्यादि फल खाय तथा चूहे घीस पकमने पिंजरे वेचें तो, १४ प्रण बहूत मोटी स्थूल देह पावें किस कर्मसें, उत्तर शाद दोके चोरी करें तथा शादका धन चुरावें तो, १५ प्रप्स कोढ़ी किस कर्मसें दोय - उत्तर वन में घ्याग लगावें तथा सर्वको मारें तो, १६ प्रष्ट दाद ज्वर किस कर्मसें दोय उत्तर ऊंट बेल गधे घोमेके उपर ज्यादा बोज खादे तथा शीत वा गर्मिमे राखें तो १७ सिरसाम अर्थात् चित्तत्रम किस कर्मसें दोय उत्तर ऊंची जाति व गोत्रका मान करें तथा बाना बाना अनाचार मद्यमांसादि प्रदाण करके मुकरे तो, १८ प्रम पथरी रोग किस कर्मसें दोय उत्तर कन्या तथा बढ्न बेटी माता स्थान स्त्रीसे विषय सेवें तथा वज्र कंद न नून खाय तो, १५ प्रष्म स्त्री पुरुष और शिष्य कुपात्र वैरी समान कीस कर्मसें दोय पिबले जन्ममें उनसे निष्कारण विरोध किया दोय तो, २० प्रष्ट पुत्र पाब्यापोसा मर जाय किस कर्मसें उत्तर घरोम मारी होय तो, २१ प्र
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