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________________ 6+9+8613++861389 २ वली प्रतिमारा दोय भेद. जवमझप्रतिमा १ वज्रमशप्रतिमा २ २ वी प्रतिमारा दोय नेट. बुडागसर्वतोन १, महासर्व तीज २. २ दोष प्रवरा जीव दुःख भोगवे. सरीरीदुःख १, मानसीक दुःख २. सरीरीक ० सरीने विषे १६ रोग वेदना याय ऊपजै १, मानसीक० मनमें चिन्ता सोच फिकर सदा रदै २. २४ २५ १६ २ दो प्रकार गति करें तिका कदै बै ऋजुगति जीव सरीर बोमकरि १ समयमांदि परवें जापतिका ऋजुगति १ वक्रगति जीको जीव परनव जातो लो पमें ३ समय रस्में लागै पढें जका गति वांवी हुवै तिहां जाय तिा वक्रगति २ २ दोय प्रकार श्रेणि वांधे तिका कदै बँ. समोदिया क० बंदूकनी गोलीनी परें प्रदेश एकता न कले ९, समोदिया क० जीव ६ महिना पहिली प्रदेशांरी श्रेणी बांधे २७ २ सर्व जीव दोय प्रकार खाऊखो वांचे. नोपक्रमी क० व्याकुखो बांधें जितरा पूरो जोगवें पिए उपक्रम नदि लागे. १ सोपक्रमी क० याऊखो घणो बांधीयो हुवे तेहनें उपक्रम लागीने थोमा कालमांदि पूरो करै २. २ २७ *9* *$69** +C***********************
SR No.010805
Book TitleChattrish Bol Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Bherudan Sethia
PublisherAgarchand Bherudan Sethia
Publication Year1916
Total Pages369
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size10 MB
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