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________________ गाजवानो ६, रहसे नान्हो शब्द ते वीणारो , अरुसे ते शंखनो शब्द , कोमल ते सूक्ष्म कंठसें गायें ए, खंखिणे ते घूघरांरो ऊंमकार घोमानो हणहणाटो १०. ५१ १० दंश प्रकारे क्रोध ऊपजे. मनोगम वस्तु लेवणी में ते नणी क्रोध ऊपजें १, थम नोगमवस्तु ले लीधी ते नणी क्रोध ऊपजें , थमनोगम वस्तु सेवती विरियां को * घ ऊपजे ३, मनोगम अमनोगम माहरी ले लीवी ते नणी क्रोध ऊपजे ४, मनो: गम वस्तु हिवणां लेवें में ते नणी क्रोध जपजें , अमनोगम वस्तु, दिवा लेवें में ते नणी क्रोध ऊपजें ६, मनोगम अमनोगम वस्तु दिवणां ले बे ते नणी को घ ऊपजें , मनोगम वस्तु चोरसी ते नणी क्रोध ऊपजें , श्रमनोगम वस्तु चो रसी ते नणी क्रोध ए, मनोगम श्रमनोगम वस्तु चोरसी ते जणी क्रोध० १०. ५५ १० दशं प्रकारे मान ऊपजें. जातिमान १, कुलरो मान १, बल मान ३, रूपरो मान ४, तपरों मान ५, लानरो मान ६, सूत्ररो मान ७, ठकुरा मान , देवता पासे श्रावें तेदनों मान ए, लक्ष्मीरो मान १०.. १० दश कारणे कलेश ऊपजें. थानकरे निमित्ते कलेश ऊपजें १, उपगरणरे निमित्ते
SR No.010805
Book TitleChattrish Bol Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Bherudan Sethia
PublisherAgarchand Bherudan Sethia
Publication Year1916
Total Pages369
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size10 MB
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