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नेमि राजीमतीरी परे ३, क्षमा करतां कल्याणरो कारण हुवे गजसुकुमालनी परें ४, || पंचेंडिक्श करे तो कल्याणरो कारण हुवे धना धणगारनी परें ५, पोतानो गंदो || रोके तो कल्याणरो कारण हुवे सेलक राजर्षिनी परे ६, मायारहित संयम पाखे तो कल्याणरो कारण हुवें गौतमस्वामीनी परें, कोश् षी धर्मसुं परिणाम मिगावे परं मिगे नही तो कल्याणरो कारण हुवे. केहनी परे अरणकं श्रावकनी परें , सूत्ररी प्रजावना करे तो कल्याणरो कारण हुवे केशीकुमाररी परें ए, ब्रत पञ्चखाण चोखो पालें तो कल्याणरो कारण हुवे. केहनी परें वरनागनतुवानी परें १०. .. ४४ दश बोल पामणा दोहिला बे. मनुष्यरो जन्म पामणोलन १, थार्य क्षेत्र पाम-|
णों झेन २, पंचेंखियपणो पामणो उर्लन ३, उत्तम कुल पामणो पुर्खन ४, पं. ... चेखिय निर्मली पामणी मुर्खन ५, नीरोग शरीर पामणो उर्लन ६, सतगुरुनी जो-|
गंवार पामणी उर्खन , सिद्धांतनो सुणवो पामणोर्खन , सरधापरतीति पावणी
मुर्खन ए, तप संयम उपरें बल वीर्यनो फोखो पामणो ऽर्खन १०... एं १. पुन्यवंत प्राणी होवे तिको दश बोल पामे. घणो परिग्रह होवे तिहां उपजे १, घणा
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