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________________ ६ उपक्रम. नामजपक्रम १, स्थापनाउपक्रम २, अन्यउपक्रम ३, खेत्रउपक्रम ४, __कालजपक्रम , नाव उपक्रम ६. ६ उथल्पाबहुल. सर्वशुं थोमा जीव १, पुद्गल अनंतगुणा २, काल अनंतगुणो ३, | सर्व उव्य विषे साहिया ४, पाठकमरा पर्यावा अनंतगुणा ५, केवलगुणरा पर्यवा | अनंतगुणा ६. ६ उ प्रकाररा श्ण संसारमें कुछ जीव. तेन १, वायु २, बेरेंसी ३, तेरिंधी , चोरिं डी ५, तिर्यंचपंक्षी ६. ६ उ ऋतु. पावसऋतु थासाम श्रावण १, वर्षाऋतु नाव थासोजरो १, शरदऋतु कार्तिक मृगसररो ३, हेमंतऋतु पोष ने माघरो ४, वसंतऋतु फागुण चैत्ररो ५, ग्री मऋतु वैशाख जेठरो ६. ६ अवग्रह मतिरा बन्नेद. खिप्पसमोग्गहिए ते शीघ जतावलो अहें १, बहु समोग्गहिए ते घणा सूत्रनो ग्रहण करें १, बहुविहिग्गहिए ते घणे नदे संबछ ग्रहें ३, धु. वोग्गहिए ते निश्चलपणे ग्रहें , अणिस्सियोग्गहेते अनिश्रायमतिसुं ग्रहें ५, थ.
SR No.010805
Book TitleChattrish Bol Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Bherudan Sethia
PublisherAgarchand Bherudan Sethia
Publication Year1916
Total Pages369
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size10 MB
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