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उस दिव्य-पुरुष के प्रभाव से, उपाध्याय श्री जी महाराज की कृपा से और श्री विजय मनि जी महाराज के श्रम से और लगन से एक बहुत वडा कार्य सम्पन्न हो गया है, जिसकी पूर्ति की इतनी गीघ्रता से आशा नही की जा सकती थी। अत श्री विजयमुनि जी के हम बहुत आभारी है । अन्य जिन-जिन महानुभावो ने इस कार्य मे हमारा सहयोग किया है, उन्हे हम धन्यवाद देते है।
"स्मृति-प्रन्य" के प्रकाशन और मुद्रण में एजुकेशनल प्रेस के मालिक वावू श्री जगदीश प्रसाद जी अग्रवाल और प्रेस मैनेजर श्री सत्यनारायण अग्रवाल को हम धन्यवाद देते है, जिनके श्रम से यह ग्रन्थ सुन्दर बन सका है । ग्रन्थ का अंग्रेजी विभाग प्रेम प्रेस मे छपा है । अत प्रेम प्रेस वालो का भी हम धन्यवाद करते है।
"स्मृति-ग्रन्थ” की सम्पादक-समिति, सयोजक समिति और लेखक महानुभावो का भी मैं धन्यवाद करता हूं, जिन्होने अपने सुन्दर लेख भेजकर हमे सहयोग दिया है।
जैन भवन लोहामण्डी, आगरा
कल्याणदास जैन स्मृति-ग्रन्थ-सयोजक