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________________ . पांमव चरित्र. (४४५) ___ “हे धर्मपुत्र! तुं आ कार्यने विषे चित्तमां केम आश्चर्य पामेले? कारण के, कृत्याना असंख्य कार्यनो नाश करवामां प्रवीण एवी ए सर्व में माया करी हती. तमारा परमेष्टी मंत्रना ध्यानथी प्रसन्न थयेला में इंना से. नापतिये आ माया प्रगट करीने कृत्याने तरी जे." परी ते महा शध्विालो देवता “ तमे अवसरे म्हारुं स्मरण करजो." एम कहीने तथा बहु आनूषणो आपीने पांवोए रजा आपवाथी देवलोक प्रत्ये गयो, पी पूर्व पुएयना योगथी जेमना सर्व विघ्न नाश पाम्या ने एवा ते पांडवो निरंतर विशेषे श्रीजिनेश्वर प्रन्नुनुं ध्यान करवामां आसक्त चित्तवाला तथा उत्तम समाधिवंत थया, एकदा बपोरने वखते नोजन तैयार थयु एवामां निरंतर पुण्यथी पवित्र शरीरवाला महात्मा साधु तपने अंते त्यां पारणा माटे आव्या. जाणे प्रत्यक्ष धर्मज होयनी ? एवा दमारूप अमृतना स्थान एवा मुनिने जोश हपना नत्कृष्टया विशुः नाववाला पांमवोए तेमने प्रदक्षिणा पूर्वक नमस्कार करचो. पठी पुलकावलीये करीने देदीप्यमान शरीरवाला अने पापना समूहने नाश करवामां नद्यमवंत थयेला पांमवोए नक्ति पूर्वक आनंदे करीने ए महामुनिने शुइ अन्न वहोराव्यु. श्रा वखते आकाशमां वाजींत्रो वागवा लाग्यां तेमज सुवर्णनी अने वस्त्रोनी वृष्टी श्रवा लागी. वली देवतानए पापनो नाश करवामां खमुरूप जयजय वाणीनो अमोघ शब्द करयो. “हे वत्सो ! नत्तम दाननां महात्म्यना वशथी हुँ शासनदेवता तमने प्रसन्न थइ बु. तमारा पूर्वनवनां पुण्य योगथी वनवासना :सह बार वर्ष पुरा थइ रह्या , हवे पनी तमे ऊट मत्स्य देशमां जर त्यां पोतानां कल्याण माटे रूप फरवी नीचे ते. रमुं वर्ष पूर्ण करो.” शासनदेवी आ प्रमाणे कहीने अंतर्ध्यान थइ. पी पोतानी गाढ प्रतिझाने जाणता एवा पांझवो.नेगा था फरी विचार करवा लाग्या. तेमां युधिष्ठिरे पोताना न्हाना नाश्यो पागल कह्यु के, “ हुं कंक नामनो विप्र (गुरु) थश्ने वैराट राजाना घरने विषे रहीश." श्रा प्रमाणे तेमणे पोतानो निश्चय कस्यो. नीमे कह्यु. “हुं पण वल्लव नाम धारी राजानो रसोश्यो पश्ने रहीश." अर्जुने कडं. “ हुं ते राजाने घरे वृहन्नम नामे पावश्न श्रश्ने रहीश." नकुले कयुं. “ हुं पण ग्रंथिक नामनो अश्वाधिप प्रश्श."
SR No.010762
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Mythology, & Literature
File Size32 MB
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