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________________ श्री पनि बलदेव चरित्र. (१५७) आवे . ते त्रण प्रियाननी साथे विषय सुख नोगवता एवा दशरथ राजा विविध बुध्थिी शोलता एवा बुद्धिमान पुरुषनी पेठे अत्यंत शोनवा लाग्यो. हवे को एक देवता ब्रह्मलोकधी चवीने रात्रीना शुन्न अवसरे कौशल्याना नदररूप सरोवर विषे राज हंसनी पेठे अवतस्यो. ते वखते चतुर बुदिवाली कौशल्याये पूर्व पुण्यना प्रत्नावश्री चंकिरण समान नज्वल चार स्वप्न जोयां. पठी पूर्ण समये तेणे गायना उध अने हीराना समान गौर अंगवाला तथा सर्व प्रकारनां नत्तम लक्ष्णवाला पुत्रने जन्म आप्यो एटले पुत्र जन्मथी नत्पन्न अयेला महा हर्षवंत दशरथ नूपतिये नाना प्रकारना दानथी म्होटा नत्सवो कस्या. अनुक्रमे मातापिताए तेनुं पद्म एवं नाम पामयु; परं. तु नत्तम आकृतिने लीधे लोकमां राम नाम प्रसिह थयु. पी आकाशमां चंबिंबनी पेठे सर्व राजलोकना नेत्रने आनंद पमामनारो ते कुमार त्यांज वृहिपामवा लाग्यो. - हवे स्वर्गथी बीजो को पुण्यवान् जीव चवीने रात्रीना शुन्न अवसरे सुमित्राना उदरने विषे अवतस्यो. ते वखते तेणे नत्तम फल सूचवनारा सात महा स्वप्नो जोयां. पठी पूर्ण समय श्रये सुमित्राये अंजन समान श्याम कांतिवाला, श्रीवत्सश्री लांबित वदस्थलवाला अने वासुदेवना पदने योग्य एवा एक पुत्रने जन्म आप्यो. ते वखते राजा दशरथे ते पुत्रनी प्रशंसा करता जन्म महोत्सवो कस्या. अनुक्रमे पिताए ते पुत्रनुं नारायण नाम पामयु, परंतु नाग्य लक्ष्मीना चिन्हना दर्शनथी लोकमां तेनुं लक्ष्मण नाम प्रसिह थयु. पी बलदेव अने वासुदेव एवा ते राम लक्ष्मण बन्ने नाश्यो नरमान माताना पुत्र बतां पूर्वनवना संबंधने लीधे परस्पर अत्यंत स्नेहवाला थया. को वखते कैकेयी राणीये पण अवसरे शुन्न स्वप्न सूचवीने नदरमा आवेला नरत नामना पुत्रने जन्म आप्यो अने सुप्रनाये पण श्रेष्टकांतिथी सूर्यने । तिरस्कार करनारा तथा शत्रुने विनाश करनारा शत्रुघ्न नामना पुत्रने जन्म प्राप्यो. पनी ते नरत अने शत्रुघ्न नरमान मातानना पुत्र उता परस्पर अत्यंत स्नेहवाला श्रया. अनुक्रमे दशरथ नूपतिना ते चारे पुत्रो कोटि शत्रुरूप हाथीयोने दलन करवामां सिंह समान, राज्यश्रीरूप हाथणीने विलास कराववामां
SR No.010762
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Mythology, & Literature
File Size32 MB
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