SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 155
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री आनंद बलदेव चरित्र. (१५१) ॥अथ श्री सुदर्शन बलदेव चरित्रम्॥ सर्व संपतिना मंदिर रूप स्वपुर नामना नगरने विषे प्रजाने कल्याणकारी एवो श्रीमान् शिव नामे राजा राज्य करतो हतो. तेने विजया नामनी पट्टराणी इती. तेने सुदर्शन नामे बलदेव पुत्र थयो. बीजी अंबीकाना समान गुणवाली अंबीका नामनी राणी इती. तेने महाबलवंत एवो पुरुषसिंह नामे वासुदेव पुत्र हतो. अनुक्रमे श्वेत तथा कृष्ण कांतिवाला अने पीस्तालिश धनुष्य प्रमाण शरीरवाला ते बन्ने नाश्यो अनुत एवा पिताना राज्यने पाम्या. पठी वासुदेव एवा पुरुषसिंहे युःक्ष्मां निशुन्न नामना प्रतिवासुदेवने मारी नदर सुधी कोटिशिलाने नपामी. परीत्रणखंमनुं राज्य नोगवतो एवो पुरुषसिंह पोतार्नु दश लाख वर्षनुं आयुष्य पूर्ण करीबही नरके गयो. सुदर्शन पपा दीका लश पोतानुं सत्तर लाख वर्षनुं आयुष्य पूर्ण करी मोद पाम्यो. ॥ इति श्री सुदर्शन बलदेव चरित्रम् ॥ ॥अथ श्री आनंद बलदेव चरित्रम् ॥ परचकना नयरहित चक्रपुर नामर्नु नगर . त्यां पुत्रनी पेठे प्रजार्नु पालन करनार महाशिव नामे राजा राज्य करतो हतो. तेने कांतिये करीने वैजयंती देवी समान वैजयंती नामनी पट्टराणी हती. तेने आनंदकारी आनंद नामे बलदेव पुत्र दतो अने बीजी साक्षात् लक्ष्मीना समान लक्ष्मी नामे स्त्री हती. तेने नत्तम बुध्विालो पुमरिक नामे वासुदेव पुत्र हतो. अनुक्रमे नगणत्रीश धनुष्य प्रमाण शरीरवाला ते बन्ने नाश्यो पिता पासेथी राज्यपद पामी दिवस दिवसने विषे सर्व समृध्थिी अधिक शोनवा लाग्या. पठी पुमरिक वासुदेवे युःक्ष्मां बलीष्ट एवा प्रतिवासुदेव बलि राजाने मारी उर्वलपणाथी कोटीशिलाने केम सुधी नपामी. ते नपरथी सोल हजार राजानए महोत्सवपूर्वक तेने अाई चक्रवतीनो अनिषेक कस्यो; तेथी ते पोताना बंधुसहित अर्धा नरतक्षेत्रनुं राज्य लोगववा लाग्यो. अनुक्रमे पांसठ हजार वर्ष पर्यंत पोतार्नु आयुष्य नोगवी क्लिष्ट हृदयवालो ते पुमरिक उडी नरके गयो. आनंद बलदेव पण पोतानुं पंचा| हजार वर्षनुं आयुष्य जोगवी चारित्र पाली केवलज्ञान पामी मोकपद पाम्यो.. ॥ इति श्री आनंद बलदेव चरित्रम् ॥ .
SR No.010762
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Mythology, & Literature
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy