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प्रकाशकी
> इस गद्य-संग्रह का यह सप्तम संस्करण है। यह संग्रह विद्वान् संग्रह ___ कर्ता ने हिन्दी गद्य शैली के वैज्ञानिक विकास के आधार पर किया था।
मध्यमा के विद्यार्थियों के लिए शैली और भाषा के विचार से यह संग्रह कितना मान्य हुश्रा यह तो इसके इतने संस्करणों से ही सिद्ध हो जाता है।
अगले संस्करण में आवश्यक परिवर्तन और परिवर्धन, से हम इसे और भी 'उपयोगी और वैज्ञानिक बनाने का यत्न करेंगे। हिन्दी साहित्य सम्मेलन,
साहित्य मन्त्री प्रयाग.