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संभ (७३) शिव, गम्।
सगलाइ (४, सं० सकल Xअपि)संभारे (४५)-स्मरण कर ।
सवही। मभार (३६, १८)-स्मरण करता है। मगळाई (१५)-सब समरियो (६४) स्मरण किया । । सगरण (६१, ६६, ७८)-सघन, मेघ, समर (१०३) स्मरण करते है।
घन । । संमिल (३६)
सघार (३५)- महार नंवाहे (५७)- वारण करके ।
नचेळा (६१) संवाह (४२)--धारण करता है । सजिया (९५) मसार (१००)
मनान (४७)-जान सहित, प्रात्म सक (४३)- शक्र, इन्द्र ।
ज्ञान सहित । सकटासुर (५८)--एक दैत्य जिसको सझा (६०)-दण्ड
कंस ने श्रीकृष्ण को | सतगुर (३४)-मदगुरु, श्रेष्ठ गुरु । मारने के लिए भेजा था । सतभामा (३)--श्रीकृष्ण की पाठ और वह स्त्रय श्रीकृष्ण
पटरानियो मे से एक द्वारा मारा गला।
सत्यभामा । सकतिहर (२१)-शक्ति घर, देवी। | सतरी (२१)-सत्य की मकाज (५४)-लिए
सति (४६, ७३)-सत्य, है । सको (३६)~सव
सत्रघण (५७)--शत्रुधन सखरा (२, १६, ६५) अप्ठ, उत्तम | सत्रघरण (६, २६, ३६, ६५, ६८, सखरी (८७)-वडिया।
६२)-शत्रुघन सखरो (६८)-श्रेष्ठ ।
सत्रघन (७२)- शत्रुधन सखरी (३, १०, १३, ५८)-श्रेष्ठ, । सथिरि (१५)-स्थिर उत्तम ।
सदांम (EE)-सुदामा सगर-राऊ (८२)-अयोध्या के प्रसिद्ध सदामौ (७८)-एक ब्राह्मण का नाम प्रजा रजक एक राजा का
जो कृष्ण का सखा था, नाम ।
सुदामा। सगळा (६८)--सव
| सदोमति (१९)