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ग्या '४६)—गये।
घण (११, ४५, ४६, ५०, ६६, ७५)ग्यानह (४४) ज्ञान ।
बहुत, अधिक। ग्रव (४५, ५०)-गर्व, गर्म । घणनामी (२४, ५१, ६८)-बहुत से ग्रभवाम (५०, ६६)-गर्भवास । ___ नामो वाला, ईश्वर । ग्वाल (३३)-गोपाल, रक्षक। | घणनाम (३६)- बहुत से नाम वाला। ग्रह (५७)-वे तारे जिनके उदय अस्त
घणनामी (७५)-वह जिसके अनेक काल आदि के विषय मे प्राचीन
नाम हो। ज्योतिपियो ने ज्ञान कर लिया
| घणा (३२, ७५, ८३, ८४, ६१)था। इनकी सख्या फलित
बहुत, अधिक । ज्योतिप मे नी मानी गई है।
घणी (३९)-चातुर्य । ग्रहि (७२)-पकडकर ।
घरणू (७०)-अधिक। ग्रहियो (२६)-पकडा, धारण किया ।
घणेरी (४०)—वहुत । ग्रहिसी (६४)-पकडोगे ।
घणं (५४, ५६) अधिक, बहुत । ग्रांम (EE)-ग्राम।
घणरिड (१०)-अधिकहठ, जिद्द । ग्रामी (१०१)-गामी, गमन करने | घणों (७०)-अधिक ।
बाला, चलने वाला। घणी (१, ४०, ७६, ५२, ४६, ५४, ग्रामहं (४१)--ग्राम ।
६८, ७२, ७६, ८०, ८१, ८२, ग्राह ना (88)-प्राह को।
८७, ८८, ६७, ६३)-बहुत, ग्रिह (५८)-घर ।
अधिक, वना, अत्यन्त । ग्रेह (४८)-- गृह, घर। . घन (२०)-बहुत, अधिक ।
घमसाण (१२)-युद्ध । घडग (३५)- रचना।
घाणी (३२)-कोल्हू । घडे (३४, ४२, ४३)--रचता है, घाउ (६६)-प्रहार । रचते हैं।
घाट (8)-रचना। घट (२३)-गरीर, मन, हृदय । घाणी (२०)--ध्वंस करने वाली । घटियो (५२)-घट गया, कम हो घाणीया ( )-कोल्हू । गया।
घात (२) अनिष्ट, दुर्दशा। पटै (४६)-कम, घटता है । | घाति (२२)--डालकर।