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।। गीत पीरदान रो कहियो । करौ कोप करणा करण, कट मोटौ करो,
कांही का थापि उथापि काँही । मेघड़ी पिररिग वसदेव रा माहवा,
__माहवा आ....... ... ......."ही ॥१॥ चचळे चडाव....... ... • • • • "चडी,
___टोघडे निवाजण . ...... .. • 'टापी । त्रिधारी खडग ना बाघि कासिपि तणा,
किलंग ₹ ऊपरा हिमैं कोपौ ॥ २ ॥ दान मागे प्रभु अत्रीरो दीकरी, वाज सिरिगगारिजै सेत वाराह । पुकार साध पीपळ हुी पुकार, पुकारा साभळी वडा पतिसाह ॥३॥ पछिमिसां भाव तू ल्याव पाडव प्रभू, महमहण ताहरा असख मेळा। वाधिया काइ वळिराउ रा वेलियां, भूधरा करौ पहिळाद भेला ||४॥ ग्यान गरुया धिणी गोविंद गोसाई, दारणवा ऊपरा दिौ नी डारण । क्रिपा करिज किसन पीर चाकर कहै, आलमा काइमा तुहारी आण ॥५॥
॥ गीत पीरदान रो कहियो॥ मिळे कोडि तेत्रीस सुर भीमरै माडहौ,
अधिकि प्राणद कना अधकि औछाह। जानि उग्रसेन बळिभद्र जिसा जानिया,
विद्रवा तणी धर हो वीमाह ॥१॥ सामिया देत साळे दिया सेहरा,
वाजिया गाजिया केई बाजा । वांधिया मौड ग्रहमा पला वाधिया,
रुखमणी पिरिरिगया राम राजा ॥२॥