SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 11
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ८ इतने थाड़े समय में इतने महत्वपूर्ण ग्रन्थो का सपादन करके सस्था के प्रकाशन-कार्य मे जो सराहनीय सहयोग दिया है, इसके लिये हम सभी ग्रन्थ सम्पादको व लेखको के अत्यत आभारी हैं। अनूप संस्कृत लाइब्रेरी और अभय जैन ग्रन्यालय बीकानेर, स्व० पूर्णचन्द्र नाहर सग्रहालय कलकत्ता, जैन भवन सग्रह कलकत्ता, महावीर तीर्थक्षेत्र अनुसंधान समिति जयपुर, ओरियटल इन्स्टीट्य ट वडोदा, भाडारकर रिसर्च इन्टीट्य ट पूना, खरतरगच्छ वृहद् ज्ञान-भडार बीकानेर, मोतीचद खजाञ्ची ग्रंथालय बीकानेर, खरतर प्राचार्य ज्ञान भण्डार बीकानेर, एशियाटिक सोसाइटी बंबई, आत्माराम जैन ज्ञानभडार वडोदा, मुनि पुण्यविजयजी, मुनि रमणिक विजयजी, श्री सीताराम लालस, श्री रविशकर देराश्री, प० हरदत्तजी गोविंद व्यास जैसलमेर आदि अनेक सस्यानो और व्यक्तियो से हस्तलिखित प्रतिया प्राप्त होने से ही उपरोक्त ग्रन्थो का सपादन संभव हो सका है । अतएव हम इन सबके प्रति आभार प्रदर्शन करना अपना परम कर्तव्य समझते हैं। ऐसे प्राचीन ग्रन्थो का सम्पादन श्रमसाध्य है एवं पर्याप्त समय की अपेक्षा रखता है। हमने अल्प समय में ही इतने ग्रन्थ प्रकाशित करने का प्रयत्ल किया इसलिये त्रटियो का रह जाना स्वाभाविक है । गच्छतः स्खलनक्वपि भवय्येव प्रमाहतः, हसन्ति दुर्जनास्तत्र समादधति साधवः । प्राशा है विद्वद्वन्द हमारे इन प्रकाशनो का अवलोकन करके साहित्य का रसास्वादन करेंगे और अपने सुझावो द्वारा हमें लाभान्वित करेंगे जिससे हम अपने प्रयास को सफल मानकर कृतार्थ हो सकेंगे और पुन' मा भारती के चरण कमलों में विनम्रतापूर्वक अपनी पुप्पाजलि समर्पित करने के हेतु पुन. उपस्थित होने का साहस बटोर सकेंगे। निवेदक बीकानेर, लालचन्द कोठारी मार्गशीर्ष शुक्ला १५ प्रधानमंत्री स० २०१७ सादुल राजस्थानी-इन्स्टीट्यूट दिसम्बर ३,१६६०. बीकानेर
SR No.010756
Book TitleJinrajsuri Krut Kusumanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1961
Total Pages335
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy