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वीरवाण
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नीसाणी १०४
दूहा १५१ नीसाणी १०५
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माला सू चूडो मिलै मन चिन्त मिटावै उगमसी नै प्राषियो मंडोवर (मैं) दी कर महर चांमंडरै बरसू करै चंडी वर हुय चुंडकू संग चूंडा लाया छल वींधा बल दाषिया हर बल ईदा रांण हुय ऐम तलेठी आविया सो गाडा उगम सरत्र
गड भितर लाया . 'मुगला दोय हजार
राज मंडावर चूंड . रिघू मंडोवर राज ऊगम चूडे अागला किलमां थांणी काटिया इदांजिम करजो अवर दिवी मंडोवर दायजे चूंडो चंवरी चाड़ सेत्रावैसू भ्रात सब जसो गोग देवराज
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दूहा १५३ नीसणी १०७
दूहा १५४
दूहा १५५
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दूहा १५६
दूहा १५७
नीसाणी १०८
मंडोवर रो भोमियो सजियो गोग-सकाज उठिदो दैतज कालियो एही गल ऊचर महर हुई सिरकर मया
वप गोगै वल वादियो .. जपियो जाल धर
बल हाली कल जाट सू . . . . ऊठ दलो घर आवियो .
ऊदल धीरै जान संग पूगल पाघारी
नीसाणी १०६