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: : वीरवाण
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वीरम सूजुध बाजना चित चेत न चल्लै नीसाणी ६२ जारो सरणो ताकियो धणियाप धराई वेहिज मारण ऊठिया सोहीज सहाई : मांगलियांणी मोटको .. आपां कुसल काढिया
: मदु वै वै दिन मारकां । .: कुछ वीरम कनह कैया ।।
बारै गांव ज बगसिया सात हजारां सांदिया दिन हेक दगाइ मोटल सिरषा मारिया जिण सकड जवाई षाधा षोसे षाजरू मधू अष्षे मारको संच . , . , " गुना अनेकां जारिया दल्लै लुणियाणी सो फरहास कटाविया षाफर माल कुरांण कू. दुझझल मदु देपालदे , अपरा बांधर अापणी केदेहां पाणी जावे घरसू जोईया के खूटे सलषाणी हरषत मन सूरा हुवा " ,६६ कहिया भड़ भायां दलै .. ' दूहा १४३
वीरम सूजासो विडण " लषवेरै जाजो मती .. ,,१४४
साकुर अरपा पांडवनै नीसांण ६७
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