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१८१ प्रपचने त्यागु छु २८२ सव त्यागवस्तुने जाणु छु २८३ खोटी प्रशसा करु नही (मु०७० उ० गृ० सामा य २८४ खोटु आळ आपु नहो २८५ खोटी वस्तु प्रणीत का नही २८६ कुटबक्लेश करु नही (गृ० उ०) २८७ अभ्याख्यान धारु नहीं ( सा०) २८८ पिशुन थउ नही २८९ असत्पथी राचु नही (२) २९० खडखड हसु नहा (स्त्री) २९१ कारण विना मा मलकावु नही २९२ कोई वेळा हस नहीं २९३ मनना मानद करता आत्मानदने चाहु २९४ सर्वने यथातथ्य भान आपु (गृहस्थ) २९५ स्थितिनो गर्व करु नहीं २९६ स्थितिनो खद पर नहीं २९७ साटो उद्यम कर नहा २९८ अनुधमी रह नहीं २९९ खोटी सलाह आप नही (ग)