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अनुक्रमणिका
न०
नाम विषय सत्तत्व भीमासा - गणिजी केवलचन्दजीका मक्षिप्त ११८ जीवन चरिन मृत्युके बाद नुकता करने का १४७ हानिकारक रिवाज मृत्यु के पश्चात् रोना पीटना हानिकार का निपेध मनानिमह
२०१ जैन श का महत्व शिक्षा सुधार ईश्वर भत्ति
२५९ देव गुरु और धर्मका स्वरूप २९१ श्रीमद हारविजय मूरीजी महाराज का जीवन धारत्र
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चित्र परिचय
१ श्रामद आचाय विजयानन्द मूरी-आत्मारामजी महाराज २ ओमान दानवीर सेठ राय सा० पसरी सिंहजी (फोटाबाळे) रतलाम