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श्रीपरमात्मने नमः। काशीनिवासी स्वर्गीय कविवर वृन्दावनकृत। ... I
वर्तमानचतुर्विंशतिजिनैपूजा Parela दोहा-बंदों पाचौं परमगुरु, सुरगुरु बंदत जास।
बिधनहरन मंगलकरन, पूरन परमप्रकाश ॥१॥ चौवीसौं जिनपति नमों, नमों सारदा माय । शिवमगसाधक साधु नमि, रचों पाठ सुखदाय ॥२॥
नामावली स्तोत्र। जय जिनंद सुखकंद नमस्ते । जय जिनंद जितफंद नमस्ते ॥ जय जिनंद वरबोध नमस्ते । जय जिनंद जितक्रोध नमस्ते ॥१॥
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