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जैन जगत के चमकते सितारे, धर्मवीर . सेठ प्यारचन्दजी सा० रोका ... का संक्षिप्त परिचय . .
- सेठ प्यारचन्दजी सा० रांका का जन्म, मध्य भारत के प्रसिद्ध नगर जावरा में हुप्रा । आप सैलाना के प्रमुख श्रमंत सेठ दूलिचन्दजी ॐकारलालजी रांका के यहाँ गोद
प्राये और अपनी नम्रता, सरलता एवं शांत प्रकृति के कारण आप सभी के प्रिय . बन गये। . .
सामायिक, पोपध, व्रत, तप-जप की साधना के साथ-साथ जान-वृद्धि की पोर . प्रापकी सदैव ही रूचि रही । अपने जीवन में कई लेखकों एवं समय-समय पर संत - मुनिराजों की सेवा भक्ति का भी आपने सदैव पूर्ण लाभ लिया।
अापकी धर्मपत्नी श्री मिश्रीबाईजी एक प्रगाढ़ धर्म-प्रेमी एवं साहसी महिला हैं । पुण्योदय से अापके विचारों में सहसा एक लहर उठी कि एक बार पूज्य गुरुदेव प्रातः स्मरणीय धर्म दिवाकर उपाध्याय श्री हस्तीमलजी म० सा० का चातुर्मास सैलाना हो जाय तो यह जीवन सार्थक बने एवं मैं भी धर्म सेवा का कुछ लाभ ले सकूँ। आपने अपनी यह इच्छा सेठ सा० को व्यक्त की और “पुण्य छतां पुण्य होत है'' वाली कहावत के अनुसार सेठ सा० ने भी इस पोर अपना प्रयास चालू कर दिया।
___ निरन्तर १२ वर्ष तक स्थान स्थान पर अपनी भाव भरी. विनतियां की गई। कभी - सेठ साहब स्वयं अपनी पुत्री को लेकर पहुंचते तो कभी समस्त परिवार अपनी करुणा