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[ ५६ ] (१०) गुरु-दुःखित वचनम् म० भ० भ०)। (११) अष्टक, दो पत्र ( म० म० भ०)। (प्रियमेलक चौ०, ५ पत्र ( म० भ० भं०)। (१३) तीर्थभास छत्तीसी (रा० ए० सो० बम्बई )। (१) साँझी गीत ( पालनपुर भण्डार)। (१५) साधुगीत छत्तीसी ( फूलचन्दजी झावक)। (१६) कुमारसम्भव वृत्ति, १६७६ ( हरिसागरसूरि भण्डार, लोहावट )। (१७) गीत, पत्र १ तथा ८, स० १६६३, पाटण (यति नेमिचन्द जी, वाहडमेर)। (१८) शत्रुजयरासादि (हाला भण्डार)। (१६) रघुवंश टीका, ६ पत्र (डूंगरसी भण्डार, जेसलमेर)। (२०) अष्टोतरी दशाकरण विधि, तीन पत्र (डू० भ०) (२१) माघ काव्य वृत्ति ( सुराणा पुस्तकालय, चूरू)। (२२) श्री जिन सिंह पदोत्सव काव्य, नौ पत्र ( यति सुमेरमल जी, भीनासर )। (२३) प्रियमेलक चौपाई (आगरा ज्ञानमन्दिर)। (२४ ) द्रौपदी चौपाई (अनन्तनाथ भण्डार, बम्बई)। (२५) कालिकाचार्य कथा ( जयचन्द भण्डार, बीकानेर)। (२६ ) पार्श्वनाथ लघु स्तवन, ८ पत्र स० १७००, अहमदावाद । (२७) लिंगानुशासन चूर्णि, ६ पत्र। (२८) सारस्वत रूपाणि, ५ पत्र । (२६) सप्तनिन्हव सम्बन्ध । (३०) कथा-संग्रह (२६-३० आचार्य शाखा भण्डार)।
संशोधित एवं 'पर्याय' लिखित प्रति १-दशवकालिक पर्याय (हमारे संग्रह)। २-लिंगानुशासन पर्याय, ८ पत्र ( महिमाभक्ति भण्डार)। ३-सन्देह-दोलावली पर्याय (जयचन्द जी मण्डार । ४-चतुर्मासिक व्याख्यान पद्वति ( हमारे संग्रह । ५-प्रिय. मेलक चौपाई (हमारे संग्रह )।
अन्य-रचित ग्रंथों की प्रतियाँ १-दोपावहार वृत्ति ( हमारे संग्रह)। २-श्रवणभूपण, १६५६ वि० ( यति चुन्नीलाल जी के संग्रह में)। ३- भरटक द्वात्रिंशिका, ७ पत्र ( डंगरसी भण्डार, जैसलमेर )।