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________________ १०५ [ ४ ) सख्या कृति नाम गाथा आदि पद पृष्ठाक ५६ पुण्य पाप फल ५ सझै साली चित्र चाली २०४ ५७ प्रभात आगीप २ आलस ऊघ अज्ञान ५०५ ५८ सध्या आगीप २ सध्या वंदन साध '५६ सर्व संघ आशीर्वाद ४ परब अवसर सदा दरव खरचं २०६ ६० ढिया गे कवित ५ आया ने उपदेस २०७ ४ अधिक आदि अनादि री १०७ ६२ माकण (जवा) छप्पय २ आठौ केड अथग्गरा १०९ ६३ धरती री धणियाप ४ भोगवि किते भ किता भोगवसी १०९ ६४ छप्पय २ रावण करता राज, गुरु थी लहियो ज्ञान १०६ '६५ गोभनीय वस्तु छप्पय नरपति गोभा नीति २०६ ६६ राजनीति छप्पय २ सकले गुणे सकन ११० ·६७ वरसीदान १ अणसे अठ्यासी कोडि ६८ छत्तीस विधान छप्पय ५ गुरु गुण दिन मन हस • ६६ एकक्खर उत्तरा ४ वदे नहिं क्यु देव गुरू ७० हियाली (थापना) ४ . कुण नारी रे कुण नारी रे १११ • ७२ (मुहपत्ति) ७ कहो पडिन एह हीयाली २५२ ____७२ (मन ) ४ अरथ कहो तुम वहिलो एहनो १५२ __-७३ , (जेभ ) ४ चतुर कही तुम्हे चुप मु ११३ __-७४ आदि, मध्य अंत्यक्षर क० २ रक्षक बहु हित साधु (सकोप्टक) ११३ ५.७५ सर्व गुरु अक्षर स्नुति ५ साइ नेरी सेवा सच्ची مر مر مر 10 ११५
SR No.010705
Book TitleDharmvarddhan Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1950
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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