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________________ विषय-सूची पृष्ठ पृष्ठ १७. : : : : १ आदिनाथजी २ अजितनाथ ३ सभवनाथ ४ अभिनंदन ५ सुमतिनाथ ६ पदम प्रभु ७ सुपासनाथ ८ चंद्रप्रभु ६ पुष्पदत १. शीतलनाथ ११ श्रीयामनाथ १२ वान्मपुज्य .. १६५ . १ १३ विमलनाथ . ८६ १४ मनन्तनाथ . ६५ मनाथ .. १०१.६ शान्निनाथ .. १. युन्यनाथ ।।३ १८ अरनाम ११६६ महिनाथ १५ गुनि सुमननाथ ... . १५० १ नमनाश .. १४५ २२ नमिनाथ .. ... १५० २३ पार्वनाय ... १५ २४ भगवान महावीर . : . . : ११ २३२ ... २४३ आवश्यकीय निवेदन मानो। माज मापक समक्ष बहुन समयके याद यह चीयोमो पुराण' उपम्धिन करते हैं, यद्यपि यह बहुत पहले. ही निश्ल जाना परन्तु प्रेसमें मशीन बदलने के कारण ४ महका अचानक बिलम्प हो गया, इमीलिये कार्तिकम निकलने वाला प्रन्थ चैत्रमे निकल रहा है। प. पन्नालालजी साहित्याचार्यने बहुत परिश्रम करके इस प्रन्थका सम्पादन किया है, इसके लिये हम उक्त पंडितजीको हार्दिक धन्यवाद दिये बगैर नहीं रह सकते । निलम्यक क रण हमारे पडिनजीको सन्देह हो गया था कि निक्लेगा या नहीं ? परन्तु हम अपने ध्येयक पक्के हैं, जिसका निश्चय कर लेने हैं वह काम करते ही रहते हैं अताग्व देरी होनेके कारण मैं पंडितजीसे पुन प्रार्थी ह । अभी तक हिन्दा जैन माहित्यमे चौबीसी तीवोका जीवन चरित्र एक माथ मिलनेका अभाव था, उसकी पूर्ति के लिये मैंने पंडितजोसे दो वर्ष पहिले प्रार्थना की थी, उसको ध्यानमें रखकर पंडित जीने अट परिश्रम द्वारा सरल भ.पामे जो यह प्रन्थ लिग्ब दिया है उमफ लिये हम जैन समाजको तरफसे आपका आभार मानते हैं . आशा है पडित जी मा० भविष्यमे इमा तरह अपनी लेखनी द्वारा जैन साहित्यकी सेवा करते रहेंगे। जिनवाणी सेवकदुलीचन्द परवार
SR No.010703
Book TitleChobisi Puran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain
PublisherDulichand Parivar
Publication Year1995
Total Pages435
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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