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(५५) महंत हो लाल । बलि पढीमण्डलिक राजातणी, सारी पुन्यथकी लहंत हो लाल ।। पुन्य ॥ ३५॥ पद्धी देवेन्द्र नरेन्द्रनी, बाल पदी श्रहमेन्द्रनी बखाण हो लाल । इत्यादिक मोटी मोटी पदवियां, सहु पुन्य तणे प्रमाण हो लाल ॥ पुन्य ॥ ३६॥ जे जे पुद्गल परिणम्यां शुभ पणे, ते तो पुन्योदय से जाण हो लाल । त्यां सूं सुख उपजै संसार में, पुन्यरा फल यह पिछाण हो लाल ।।पुन्य ॥३७॥ बाल्हा विकडिया पायी मिले, सयणातणों मिले संयोग हो लाल । पुन्य तणां प्रतापथी, शरीर में न व्यापै रोग हो लाल.॥ पुन्य ॥ ३८॥ हाती घोडा रथ पायक तणी, चौरंगणीसेन्या मिलै प्राण हो लाल । ऋद्धि बृद्धि सुख सम्पदा मिले, तेतो ' पुन्य तणे प्रमाण हो लाल ॥ पुन्य॥३६॥ खेत्तु बस्थू हिरण सोनादिके, धन धान्य में कुम्भी धातु हो लाल । द्विपद चोपदादि श्रावी मिलै, पुन्य तण प्रताप साख्यात हो लाल ।। पुन्य ॥ ४०॥ हीरा पन्ना माणक मोती मुंगीया' वलि रत्तनारी जाति अनेक हो लाल । ते संघला मिलै छ पुन्य थकी, पुन्यं विना मिले नहीं येक हो लाल ॥ पुन्य ॥ .