________________
बनारसीविलास.
tatttituttttituttitutkukkrt.kut.
x
x
महाविभु महधववंत । धरणीधर धरणीकंत ॥ कृपावंत कालिग्राम । कारणमय करत विराम ॥ ९५ ॥ मायावेलि गयन्द । सम्मोहतिमरहरचन्द । कुमति निकन्दन काज । दुखगजमंजन मृगराज ॥२६॥ परमतत्त्वसत संपदा (१) । गुणत्रिकालदर्शीसदा () ॥ कोपदवानलनीर । मदनीरदहरणसमीर ॥ ९७ ॥ भवकांतारकुठार | संशयमृणालअसिधार ॥ लोमाशेखरनिर्घात । विपदानिशिहरणप्रभात ॥ ९८॥
दोहा संवररूपी शिवरमण, श्रीपति शीलनिकाय ।। महादेव मनमथमथन, सुखमय सुखसमुदाय ॥ ९९ ॥ . इति श्रीशिवनायक नाम दवाम शतक ॥ १० ॥
दोहा. इति श्रीसहसअठोतरी, नाम मालिका मूल । अधिक कसर पुनरुक्ति की, कविप्रमादकी भूल ॥१०॥ परमपिंड ब्रझंडमें, लोकशिखर निवसंत । निरखि नृत्य नानारसी, वानारसी नमंत ॥ १०१॥ महिमा ब्रह्मविलासकी, मोपर कही न जाय | यथाशक्ति कछु वरणई, नामकथन गुणगाय ॥ १०२॥ संवत सोलहसो निवे, श्रावण सुदि आदित्य । करनक्षत्र तिथि पंचमी; मगव्यो नाम कवित्त ॥ १०३ ॥
इति भापाजिनसहस्रनाम । SPre
kukkutikakkakkritikat.kuttitutekkkkkkkkakakakakakitantstuttituttakutta
xx.kukkutterest.titutitutekst-kakkikikutty